अच्छा लगता है।





#6

अच्छा लगता है।


जब तुम मुझे डांटती हो,
मेरी गलतियों का हिसाब करती हो,
मुझे उनका एहसास हो,
ऐसी कोशिश बेहिसाब करती हो।
अच्छा लगता है।


यू ही दोस्तों की महफ़िल में जब,
मैं खुद को भीड़ से दूर करता हूँ,
अचानक तुम्हे अपने करीब पाकर,
मैं जब खुद पर गुरूर करता हूँ।
अच्छा लगता है।


कभी जब मैं तुम्हारे सवालों पर सोचता हूँ,
तुम्हारे रंग बिरंगे ख्वाबों पर सफर करता हूँ,
तुम्हारी मासूमियत मेरे दिल के तारों को छूती है,
जब तुम्हे मैं हक़ से अपना हमसफर कहता हूँ।
अच्छा लगता है।


मेरी जान, जब तुम मेरे करीब आती हो,
हँसते-मुस्कुराते हुए मुझसे लिपट जाती हो,
तुम्हारे होंठ मेरे होठों पर अपने निशान छोड़ जाते है,
हमारे दिल, दिमाग को परे रख, समीप आते है।
अच्छा लगता है।


जब तुम प्रकृति की खूबसूरती को अपनाती हो,
मुझमें, खुदको, खुदमें, मुझको दिखलाती हो,
मेरा बिस्तर तुम्हारी खुसबू से महकता है,
और मैं बिना नशे के बहकता हूँ।
अच्छा लगता है।





-आदित्य ठाकुर

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